शब्द भरती (हिंदी संसाधन केन्द्रे) - लक्ष्य एवं उद्देश्य
हिन्दी भाषा के जरिए भारत की शक्तिशाली राष्ट्रीय पहचान दिलाते हुए देश को मजबूत बनाने के लिए सन में 1999 में गठित शब्द भारती (हिन्दी संसाधन केन्द्र) भारत सरकार की राजभाषा नीति और शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में स्थित सरकारी-गैर सरकारी कार्यालयों में हिन्दी को राजभाषा तथा राष्ट्रभाषा के रूप लागू करने के लिए उपाय करने और संविधान के अनुच्छेद 351 में वर्णित प्रावधान के अनुसार हिन्दी भाषा का प्रसार बढ़ाने, उसका विकास करने और उसके लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ करने तथा राजभाषा और राष्ट्रभाषा हिन्दी में समन्वयन एवं कार्यन्वयन करने व हिन्दी तथा प्रांतीय भाषाओं को अनुवाद के जरिए विकसित करनेवाली एक पंजीकृत संस्था है ।
संस्था का लक्ष्य हिन्दी के माध्यम से हिन्दीतर क्षेत्र के विभिन्न भाषा-भाषियों, जाति-उपजातियों तथा समुदायों के बीच देश की भावात्मक तथा राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना है । इसके अनुरूप संस्था की नियमावली और नीति-निर्देशिकाएँ संकलित हुई है । संस्थान के अन्य कार्यकलाप हैं-
राजभाषा और राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी के विकास और प्रचार-प्रासार के लिए कार्यालयों, संस्थाओं और व्यक्तियों को सहायता और परामर्श प्रदान ।
देवनागरी टाईपिंग, कम्प्यूटर, आशुलिपि प्रशिक्षण की व्यवस्था ।
हिन्दी में अनुवाद का काम, रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण और पूर्वोत्तर के क्षेत्रीय भाषाओं, बोलियों के हिन्दी अनुवाद पर शोधपरक अध्येता वृत्ति / फेलोशिप प्रदान ।
हिन्दी के जरिए पूर्वोत्तर की विभिन्न भाषाओं / बोलियों समन्वयन ।
कार्यालयीन हिन्दी–प्रशिक्षण की व्यवस्था ।...............
हिन्दी में संगोष्ठी, कार्यशालाओं, लेखन शिविरों, सम्मेलनों का आयोजन ।
हिन्दी की मानक, स्तरीय, लोकप्रिय, कार्यालयीन और अनुवाद से संबंधित पुस्तकों, पत्र-पत्रिकाओं, शब्दावलियों, कोशों की आपूर्ति और प्रकाशन ।
राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन संबंधी शोधपरक कार्य का आयोजन, पुरस्कार, प्रोत्साहन और स्कॉलरशिप प्रदान ।
राजभाषा हिन्दी के कार्यान्वयन संबंधी अद्यतन, नवीनतम सूचनाएँ / भार्गदर्शन ।
भारत सरकार के राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय), शिक्षा विभाग (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) और संबंधित राज्य सरकारों एवं भारतीय ज्ञानपीठ तथा साहित्य अकादेमी संहित विभिन्न सांस्कृतिक संगठनों के साथ हिन्दी का विकास और कार्यान्वयन / सम्बद्धता ।
वे समस्त कार्य जो हिन्दी के विकास और कार्यान्वयन में आनुषंगिक, अनुपूरक और संबंद्ध हैं ।